रविवार, 7 दिसंबर 2008

आतंकवाद पर राजनीती

आज हम आतंकवाद पर चल रहे राजनीती की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते है। मुंबई में आतंकवादी घटना के बाद श्री देशमुख जी ने यह कहकर अपना पल्ला झार लिया की ये घटना को मैं समय पर रोक नही सका इसलिए मैं कुर्सी से इस्तीफा दे रहा हू। उसके बाद सभी नेता अपने -अपने स्वार्थ सिद्धि हेतु कांग्रेस आलाकमान श्रीमती सोनियागांधी के पास कुर्सी पाने के चाहत से दौर लगाना शरू कर दिया और जब इस होड़ में जिनको कुर्सी नही मिली तो वे करने लगे आतंकवादी घटना पर राजनीती। जी हाँ, ऐसे नेता देस के लिए नही बल्कि अपने लिए सोचते हैं और क्या हम ऐसे नेता पर भरोसा कर फिर देस की बागडोर उन्ही के हाथ सौंप दे।
समय की मांग यह है अब जनता को सोचना होगा की वे कैसा नेता चाहते है, जो जनता और देस के लिए सोचे या सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने लिए।

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