बुधवार, 3 दिसंबर 2008

मुंबई पर हुए आतंकवादी हमला

२६/११/०८ को हुए आतंकवादी हमले ने देस को झकझोर कर रख दिया है और साथ ही देस के आलाकमानो
को एक बार फिर सोचने को मजबूर कर दिया है की अब देस की जनता सिर्फ़ वादों पर विस्वास करने वाली नही है क्योंकि ये नेता चुनावी फायदों के लिए देस के जनताओं को भी मौत के घाट उतारने से बाज नही आते। अब वह समय आ चुका है जब कुछ करके दिखाना है। आए दिन आतंकवादी घटनाये ऐसी रूप ले रही है जिसमे आम व्यक्ति की जिन्दगी खतरे से खाली नही है। और ऐसे में सिर्फ़ वादों का भरोसा काफी नही है।
यदि नेता लोग इसी तरह जनता को भरोसा देते रहे तो वो दिन दूर नही जब ये आतंकवादी आम लोगो की जिन्दगी इस तरह मौत में बदल देंगे जैसे जिन्दगी की लकीर उनके द्वारा ही बनाई गई हो। इसलिए अब वो समय आ चुका है जब जनता अपने देस का सुरक्षा ख़ुद करे और इन नेता को बताये की हम अब उनके वादों में आने वाले नही है।

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